इस नियम के अनुसार दिे गये ताप पर समस्त पिण्डों की उत्सर्जन क्षमता व अवशोषकता का अनुपात स्थिर होता है।
अर्थात्
यहां E व A कृष्णिका के लिये क्रमशः उत्सर्जन क्षमता व अवशोषकता है तथा E1,E2,........... व A1,A2,..................... अन्य पिण्डों की क्रमशः उत्सर्जन क्षमता व अवशोषकताऐं है।
चूंकी कृष्णिका के लिये A का मान इकाई होता है। अतः अन्य पिण्डों के लिये A का मान 1 से कम होगा।
इस प्रकार E का मान से E1 अधिक होगा |